प्रेम नश्वर नहीं, मगर इंसान है, बदलाव इसकी फितरत, नहीं बदला मैं, बस गुमान है| नाम से पहचान, दौलत से सम्मान, बातें बड़ी, अधूरा ज्ञान, ऊँची दुकान फीका पकवान, खुद का शत्रु है इंसान| #प्रेम #खुदकाशत्रु #vineetvicky #octoberwritings #encore_ek_khwab #encoreekkhwab #कविताप्रेम