Safar गहन सघन मनमोहक वन तरु मुझको आज बुलाते हैं, किन्तु किये जो वादे मैंने याद मुझे वोह आते हैं, अभी कहाँ आराम बड़ा यह मूक निमंत्रण छलना हैं, अरे अभी तो मीलों मुझको , मीलों मुझको चलना । harivanshrai bacchan #harivashraibacchan