मन ही मन खुद से बात करता हूँ । किसी और से नहीं, पर खुद से जरूर सच कहता हूँ ॥ जिंदगी की दौड़ भाग में, आगे बढ़ रहा हूँ । ना जाने इस चक्कर में, कितनो को पीछे छोड़ रहा हूँ ॥ रोजी रोटी के चक्कर में, अपनी चप्पल घिस रहा हूँ । अपनों से दूर होकर , दूसरों के बीच पीस रहा हूँ ॥ नाम कमाने के लियें , कर रहा मेहनत दिन रात । क्यूँकि बदलना चाहता हूँ , मैं खुद अपनी औक़ात ॥ टूट कर भी खड़ा होना , सीख लिया है । ठोकर खाकर ठीक से चलना, अब मैंने सीख लिया है । विष के प्याले को अमृत मान , मैंने पिया है ॥ मत रो ऐ दिल क्यूँकि तू है जांबाज , मत रो ऐ दिल क्यूँकि तू है जांबाज । इतना खोकर जो भी पाया है, उस पर है मुझे नाज ॥ पलट कर देखा तो जाना , कुछ ही दिनों में बदल गये हालात । मैं आज भी वैसा ही हूँ, क्यूँकि जिंदा है मेरे जस्बात ॥ मन ही मन खुद से बात करता हूँ । किसी और से नहीं, पर खुद से जरूर सच कहता हूँ ॥ just random thoughts and here it is #loveforwriting #poetry #poetryismyescape #newwritersclub