Nojoto: Largest Storytelling Platform

हरेक ग़म को धुआँ, बना कर उड़ाना; कभी भी ख़ुशी में

हरेक ग़म को धुआँ, बना कर उड़ाना;
कभी भी ख़ुशी में ना जियादा इतराना।
हमने तो है सिखा, बड़े-बुज़ुर्गों से ही;
काँटों में भी फूलों सा खिलखिलाना॥

है जो कुछ भी आज, वो मेरा नहीं है;
ये लफ़्ज़, ये आवाज़, चाहे ये तराना।
उनकी है नेमत, जो हुए कुछ क़ाबिल;
उनसे ही तो मुझको पहचाने ज़माना॥
✍🏻@raj_sri #bujurg
#ancestors
#elders
#rasi
हरेक ग़म को धुआँ, बना कर उड़ाना;
कभी भी ख़ुशी में ना जियादा इतराना।
हमने तो है सिखा, बड़े-बुज़ुर्गों से ही;
काँटों में भी फूलों सा खिलखिलाना॥

है जो कुछ भी आज, वो मेरा नहीं है;
ये लफ़्ज़, ये आवाज़, चाहे ये तराना।
उनकी है नेमत, जो हुए कुछ क़ाबिल;
उनसे ही तो मुझको पहचाने ज़माना॥
✍🏻@raj_sri #bujurg
#ancestors
#elders
#rasi