जितना गहरा बीज लगाव का होगा उतना ज्यादा पौधा पनपेगा फसलें गर कट जायेगी अपनेपन की, बंजर धरती मिलेगी , प्रेम न फिर उभरेगा #@ प्रेम का पौधा#@