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एक तोहफ़ा दिया था उसे मेने कहा अनमोल है, पर तेरे ल

एक तोहफ़ा दिया था उसे
मेने कहा अनमोल है, 
पर तेरे लिए है..
उसने सम्भाल कर रख दिया
बोली मेरे अपनों के काम आएगा........
मैने खुशियों की शुभकामनाएं 
लपेट कर दी थी,
एक बहुत सुंदर से wraper में.
कुछ आने वाले दिलकश लम्हों की खुशबूदार Basket भी दी थी सजाकर..
रख दी उसने उसे भी सहेज कर..
वक़्त की नदी में 
जिम्मेदारियों की कश्ती बन
उस basket को भी बहा दिया...

रंग बिरंगे सपनों और 
ख़्वाहिशों के मणियों की 
माला पिरोती थी,...
बचपन से..
कहती थी जब सक्षम हो जाउंगी
तब एक एक मोती गिराउंगी... 
उसकी जो छन्नन्नंन्नंन से आवाज़ गूंजेगी, पूरा आसमान दिन में भी जश्न मनाएगा ...
उस माला के मनके भी जोड़ दिए 
उसने, अपनों की लड़ियों में,
ऐसे हीं हर रोज़ ये
होंठो पर 
मौन की मुस्कानों का हार 
पहन कर
अपनों को हंसी के जेवर पहनाती है
ये कोई और नही 
आपके ही घर की नारी है

 पर....
मुझे एक हीं बात नही सुहाती है....
ये नारी सास या ननद के किरदार का दुपट्टा ओढ़ ,
ये खुशियों वाली basket अनजाने में 
कहाँ छुपा देती है??!!
Nirmala #nojoto #kavishala #poetry #women'day #नारी
एक तोहफ़ा दिया था उसे
मेने कहा अनमोल है, 
पर तेरे लिए है..
उसने सम्भाल कर रख दिया
बोली मेरे अपनों के काम आएगा........
मैने खुशियों की शुभकामनाएं 
लपेट कर दी थी,
एक तोहफ़ा दिया था उसे
मेने कहा अनमोल है, 
पर तेरे लिए है..
उसने सम्भाल कर रख दिया
बोली मेरे अपनों के काम आएगा........
मैने खुशियों की शुभकामनाएं 
लपेट कर दी थी,
एक बहुत सुंदर से wraper में.
कुछ आने वाले दिलकश लम्हों की खुशबूदार Basket भी दी थी सजाकर..
रख दी उसने उसे भी सहेज कर..
वक़्त की नदी में 
जिम्मेदारियों की कश्ती बन
उस basket को भी बहा दिया...

रंग बिरंगे सपनों और 
ख़्वाहिशों के मणियों की 
माला पिरोती थी,...
बचपन से..
कहती थी जब सक्षम हो जाउंगी
तब एक एक मोती गिराउंगी... 
उसकी जो छन्नन्नंन्नंन से आवाज़ गूंजेगी, पूरा आसमान दिन में भी जश्न मनाएगा ...
उस माला के मनके भी जोड़ दिए 
उसने, अपनों की लड़ियों में,
ऐसे हीं हर रोज़ ये
होंठो पर 
मौन की मुस्कानों का हार 
पहन कर
अपनों को हंसी के जेवर पहनाती है
ये कोई और नही 
आपके ही घर की नारी है

 पर....
मुझे एक हीं बात नही सुहाती है....
ये नारी सास या ननद के किरदार का दुपट्टा ओढ़ ,
ये खुशियों वाली basket अनजाने में 
कहाँ छुपा देती है??!!
Nirmala #nojoto #kavishala #poetry #women'day #नारी
एक तोहफ़ा दिया था उसे
मेने कहा अनमोल है, 
पर तेरे लिए है..
उसने सम्भाल कर रख दिया
बोली मेरे अपनों के काम आएगा........
मैने खुशियों की शुभकामनाएं 
लपेट कर दी थी,