*मुखिया* हर घर में मुखिया होता है जिसकी चाहत सिर्फ एक होती है अपने परिवार की खुशियां अपने परिवार की खुशियों में वह दिन रात घिस जाता है बस एक मुस्कान देख वह सुबह फिर काम में निकल जाता है अपने काम को अपनी जिंदगी बना जाता है परिवार की जरूरतों को अपनी ख्वाहिश त्योहारों में सब को नए कपड़े खरीद कर देने वाला खुद पुराने कपड़ों में रह जाता है मुझे नहीं शौक इन चीजों का कह वह अपनी ख्वाहिश दबाता है....... दोस्तो.......वह घर का मुखिया है, जो सबके खुशियों में ही खुशी खोज खुश रह जाता है। #nojotohindi#nojoto#मुखिया#परिवार#shayari#quotes#Kavita#poem