Nojoto: Largest Storytelling Platform

मझधार मे है मेरी कस्ती, पार लगादो हे!कन्हैया.. दूब

मझधार मे है मेरी कस्ती,
पार लगादो हे!कन्हैया..
दूब रहा हू अब तो,
मुझे बचालो हे! कन्हैंया..
मझधार मे है...
तुम रहते तो हो मेरे दिल मे,
पर दिखायी तो नही देते
कुछ कहते तो हो मुझसे
पर सुनाई क्यूं नही आते,
कुछ समझ नही आता मुझको
एक बार समझा दो हे! कन्हैया..!
मझधार मे है कस्ती..
पार लगादो हे !कन्हैया..!!

©Shreehari Adhikari369
  #मझधार मे है कस्ती
shreehariadhikar2146

HARSHIT369

New Creator
streak icon7

#मझधार मे है कस्ती #कविता

27 Views