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थोड़े खुशी तो थोड़े डर में निकल गये ना जानें ये दिन

थोड़े खुशी तो थोड़े डर में निकल गये
ना जानें ये दिन कब निकल गये

मालूम था ये मंजर हैं रुसवाई का
 ये ख़्वाब ना जानें कब दिल से निकल गया

आई है ये घड़ी जब बिछड़न की तब समझा
इक वक़्त था ये जो  बस निकल गया

अब खुशियां बनाये भी तो कैसे 
आज फिर एक दिसम्बर और निकल गया #nojotonews#अलविदादिसम्बर#nojoto#poetry#quotes
थोड़े खुशी तो थोड़े डर में निकल गये
ना जानें ये दिन कब निकल गये

मालूम था ये मंजर हैं रुसवाई का
 ये ख़्वाब ना जानें कब दिल से निकल गया

आई है ये घड़ी जब बिछड़न की तब समझा
इक वक़्त था ये जो  बस निकल गया

अब खुशियां बनाये भी तो कैसे 
आज फिर एक दिसम्बर और निकल गया #nojotonews#अलविदादिसम्बर#nojoto#poetry#quotes