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सितारों की जमीं पे यादों की किताब में, इश्क़ के प

सितारों की जमीं पे यादों की किताब में,  
इश्क़ के पन्नों को, कई दफा निहारता हूँ.. 

जब भी होता हूँ तन्हा-तन्हा लम्हा-लम्हा,  
शायरो से लफ्ज़ लेकर, तुझे पुकारता हूँ.. 

तितलियो से रंग लेके संग- संग भौरो के,  
टूटे-फूटे शब्दों को, स्याही से सवारता हूँ.. 

तुम्हें याद कर- करके दिल की कलम से,  
मेरे जज्बातों को, कागज पर उतारता हूँ.. 

जी रहा हूँ तड़पकर आँखों में अश्क़ लिए, 
तेरे आने की आस में पल-पल गुजारता हूँ..

गोविन्द पन्द्राम #यादों_की_किताब
सितारों की जमीं पे यादों की किताब में,  
इश्क़ के पन्नों को, कई दफा निहारता हूँ.. 

जब भी होता हूँ तन्हा-तन्हा लम्हा-लम्हा,  
शायरो से लफ्ज़ लेकर, तुझे पुकारता हूँ.. 

तितलियो से रंग लेके संग- संग भौरो के,  
टूटे-फूटे शब्दों को, स्याही से सवारता हूँ.. 

तुम्हें याद कर- करके दिल की कलम से,  
मेरे जज्बातों को, कागज पर उतारता हूँ.. 

जी रहा हूँ तड़पकर आँखों में अश्क़ लिए, 
तेरे आने की आस में पल-पल गुजारता हूँ..

गोविन्द पन्द्राम #यादों_की_किताब