दर्द जब दिल का हद से बढ़ गया, उठा के क़लम, कागज़ पेअपनी बात कह गयी… किसी ने कहा #दीवानी है,किसी ने कहा #पागल है, और पढ़ के कोई उस #कागज़ को,मुझे #शायरा कह गया… किसी ने कहा,#ग़ज़ल आपकी #क़ाबिल ए #तारीफ़ है, कोई पढ़ के चंद #लफ़्ज़ इसको #बक़वास कह गया… किसी को इसमें उसका #महबूब नज़र आया, किसी को किसी की #बेवफ़ाई, किसी ने कहा,ये तो मेरे #दिल की #बात कह गयी, न जाना किसी ने लिखने वाले के #दर्द को, जो #ग़ज़ल के हर #लफ्ज़ के साथ #आँसुओं में बह गया… सो गयी जो कभी गुमनामियों के अँधेरों में जाके.... मेरी #नज़्मों की #रोशनियों ने कहा, उठ जाओ, अब #सवेरा हो गया...🌹🌹 ©Avi Oberoi #stay_home_stay_safe