White टूट चुके हैं अब हम इतना फिर भी मुस्कुराने की वजह ढूंढते हैं मेरे साथ बैठकर मुझे सुन सके ऐसा कोई साथी ढूंढते हैं मेरी राह को आसान बना सके ऐसा कोई हमराही ढूंढते हैं हर सफर में मेरा साथ दे सके ऐसा कोई हमसफ़र ढूंढते हैं मेरी बेचैनियों को मिटा सके ऐसा एक सुकून ढूंढते हैं बिना कहे मेरे मन को पढ़ ले ऐसा मनमीत ढूंढते हैं मेरे जिस्म को ही नहीं, मेरी रूह को भी छू सके ऐसा कोई हमनशी ढूंढते हैं ऐसा कोई हमनशी ढूंढते है ©पूर्वार्थ #ishq