#शौकहैकिशोक
अब तो बस #शोकाकुल है सारे आलम #शोकमय है सारे पल
शोक में #डूबे हुए हैं;- दिन रात, सुबह शाम,भोर संध्या,,
चलना फिरना उठना बैठना खाना पीना सोना जगना #जीवन की सभी क्रियाएं परक्रियाएं,,जिंदगी की हर घड़ी हर #पलछिन ,,,,
शोक घर कर गया है अब मुझमें हर कहीं
शोकमय है बनी हुई जीवन की ये #सांसे सभी
#प्राणपखेरू_Qeh
उड़ जाएं तो मिले हमको भी #सकून कहीं #कविता#rakeshyadav