मैं वो ना रहा जो पहले कभी हुआ करता था, मैं वो ना रहा जो पहले कभी मैं हुआ करता था, अब पहले सा कुछ बाकी नहीं,तुम जैसा अब कोई साथी नहीं, ना वो चाय की चुस्की ना वो गोलगप्पे और चाट, अब तो बेवाह लगने लगे सावन के मेले और वो नदियों के घाट, तुम बिन अब सिनेमा भी फीका सा लगता है, अपना शहर जाने क्यों पराया सा दिखता है, कि गली नुक्कड़ चौराहे पर अब भीड़ का एक हिस्सा सा बन गया हूं, जाने क्यों तेरी यादों की किताब का एक किस्सा सा बन गया हूं, क्यों अब फटफट्टी भगाना रास नहीं आता, क्यों डाकिया तेरे आने की कोई आस नहीं बताता, कभी कभी यूहीं तुझको चिट्ठी लिखकर फाड़ दिया करता हूं,शायद इसलिए कि जानता हूं,तारे के नसीब में चांद के इर्द गिर्द मंडराना है उसको अपना कहने का हकदार नहीं वो, फिर भी क्या करे इस दिल के हाथो मजबूर हूं इसलिए आज भी तेरे करीब होकर भी तुझसे कितना दूर हूं, किसी तिलिस्मी चिराग सा किस्मत को बार बार घिसता हूं,हर बार नाकामी और निराशा की चक्की में पिस्ता हूं, फिर भी एक मन में आस बाकी है,आखरी बार देख सकूं थी अरदास बाकी है।।। Inkheart #Ichanged #WithoutYou #comeback #seprated #ChangedMe #Love निdhi🖤