.... हूँ मैं हर एक पन्ना खुला हुआ है .... मेरे आंसुओं की स्याही से , मेरे जज्वात लिखें हुऐ हैं ..... तुम जब चाहे इसे पढ़ लेना , पर खुद को रोक मत लेना मेरे जज्वात में भीगने से ...... हर शब्द मोहब्बत को बयां करता है , तुझे मोहब्बत होने लगे शब्दों से तो खुद को रोक मत लेना ...... मैं फिर कोई किस्सा लिखूंगा , मैं फिर कोई अध्याय बनूंगा......— % & खुली किताब की तरह मुझे मिली है ज़िन्दगी... #खुलीकिताब #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi