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अफ़सुर्दा सी है शाम, है मदहोशी छाई हर ओर, ग़र मैं हू

अफ़सुर्दा सी है शाम, है मदहोशी छाई हर ओर,
ग़र मैं हूँ ख़ामोश, फ़िर बाहर है किसका शोर।
है ख़ामोशी ही मुझको, अब रास आने लगी,
धीरे-धीरे तेरी यादें, मेरे ज़ेहन से जाने लगीं। 😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢
TASK :- 1, DAY :- 4
Week :-3, LANGUAGE :- HINDI 

TOPIC :- EMOTION, 
THEME :- ANGER 
Rhyming scheme of AABB
अफ़सुर्दा सी है शाम, है मदहोशी छाई हर ओर,
ग़र मैं हूँ ख़ामोश, फ़िर बाहर है किसका शोर।
है ख़ामोशी ही मुझको, अब रास आने लगी,
धीरे-धीरे तेरी यादें, मेरे ज़ेहन से जाने लगीं। 😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢
TASK :- 1, DAY :- 4
Week :-3, LANGUAGE :- HINDI 

TOPIC :- EMOTION, 
THEME :- ANGER 
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