कभी कभार, सीने में एक चुभन सी होती है मानो जैसे, हमारा पुराना वक़्त , एक भाले की तरह, सीने पे वार कर रहा हो जैसे वो पहले की तड़प, पहले का प्यार, हमें फिर याद कर रहा हो फिर से उस बारिश में भीगने का मन करता है जब सिर्फ तुम और हम थे ना कोई ऑफिस था, नी कोई ईगो थी , ना कोई लड़ाई थी था तो सिर्फ एक मासूम, नादान सा प्यार थोड़ा सा पास आना, फिर थोड़ा सा दूर चले जाना, पर लौट के ज़रूर आना लेकिन अब, ये दूरियां बढ़ सी गई है प्यार भरी मुस्कुराहटें, थोड़ी घट सी गई है आज भी, इस बारिश को देख कर इन बूंदों मै भीग कर वो पल याद आते है दिल मै फिर एक उम्मीद जगा जाते है #सीने #भाला #बारिश #पल#दूरियां#वक़्त