Maa एक कविता तुम्हारे लिए लिखना चाहता हूं,माँ.. कितने करती है तू कष्ट,कागज पे उतारना चाहता हूं, माँ| बयां करना मुश्किल है,फिर भी कोशिश करना चाहता हूं,माँ.. एक कविता तुम्हारे लिए लिखना चाहता हूं,माँ| सारे जगत में सबसे प्यारी तू,सभी को बताना चाहता हूं,माँ.. तुझसे बढ़कर कुछ न मेरे लिए,दुनियां को दिखाना चाहता हूं,माँ| मेरे खून का एक एक कतरा,तेरा कर्जदार है,इतना जान ले,माँ.. एक कविता तुम्हारे लिए लिखना चाहता हूं,माँ| पूजता हूं सभी भगवंत,पर पहले तुझे पूजता हूं,माँ.. हर देवी की भक्तिमय पूजा में,तू अग्रस्थान पर हैं,माँ| तकलीफे न जाने कितनी सहे,ऐ तू कब बताती है,माँ.. एक कविता तुम्हारे लिए लिखना चाहता हूं,माँ| नौ महीने मुझे पेट में संभाला,बहुत पीड़ा सही तूने,माँ.. बचपन से लेकर अब तक,मेरी हर ख्वाईश तूने पूरी की,माँ| कर्जदार मैं तेरे दूध का,तेरे लिए हर फर्ज़ निभाना चाहता हूं,माँ.. एक कविता तुम्हारे लिए लिखना चाहता हूं,माँ| हर बुरे समय में शक्ति प्रदान करें,वो तेरा आशीर्वाद है,माँ.. क्यों घुमू चारों धाम मैं,जब तेरे कदमों में ही स्वर्ग है,माँ| दुनियां में मेरे लिए सबसे खूबसूरत कुछ हैं तो वो तू हैं,माँ.. एक कविता तुम्हारे लिए लिखना चाहता हूं,माँ| ©Yogesh Ambawale #मां #एक_कविता_मां_के_लिए #मदर्सडे #मांँ #मां_का_प्यार #हिंदी_कविता #मेरी_मां