Continued... बच्चे ठोकर खाकर संभालना सीखें, बच्चे डटना सीखें, बिकना नहीं, बच्चे खड़े रहें अपनी समझ के साथ, और फिर थाम सकें सहज ही अगले क्षण एक अधिक उदार और सार्वत्रिक छिपे या प्रकट, सरल या विकट, उपेक्षित या क्षत-विक्षत सत्य का हाथ। बच्चे सीखें 2