#अबकी मिलो तो ऐसे मिलना जैसे सागर में सरिता, साथ चलो तो ऐसे जेसे साथ चलते हैं किनारें..... थामो अगर हाथ मेरा तो ऐसे जैसे अमरबेल टहनियों को.... घुल जाना मुझमें वैसे,जैसे शकर चाय में..... हम मिलेंगे,थाम कर हाथ एक दूसरे का चलेंगे, धरा के उस आख़िरी सिरे तक,जहां धरती आसमान दिखाई देते है एक....दूर होकर भी #दिल_की_बात