यारों की मेंहफ़िल हम सजाने आये है। शाम को और ख़ुशनुमा बनाने आये है।। छोड़कर सारी ज़िम्मेदारीयो को आज। एक दूसरे में हँसने और हँसाने आये है।। कई वर्षों दूर रहकर हम सब दोस्तों से। आज खुशियाँ मदमस्त लुटाने आये है।। फिर अब न जाने कब हो मुलाकात। आज सबसे हम ये बतलाने आये है।। हो इतनी यादगार ये यारियाँ हमारी। जन्मों जन्मों का प्यार पाने आये है।। 📝 सतेन्द्र गुप्ता यारियाँ