बनेंगी आशिक़ों की मजारें, इश्क़ में सो आप सब जल्दी पधारें, इश्क़ में हैं एक से बढ़कर एक परी यहाँ तो हम किस, किसको निहारें, इश्क़ में इश्क़ नहीं तोहफ़ा सिर्फ़ जवानों को यहाँ तो बूढ़े भी आँख मारें, इश्क़ में निकलते ही नहीं आँसू यूँ तन्हा मिरे रोती मेरे साथ चार-दिवारें, इश्क़ में चलती यहाँ पर भी सियासत देखो बदलें सरकारों पे सरकारें, इश्क़ में आशिक़ों की है, बिस्तर से दोस्ती रूह चूमके, जिस्म उतारें, इश्क़ में यूहीं नहीं हुए हम जुदा तो 'सचिन' देर तक चलीं थी तलवारें, इश्क़ में -सचिन मैथिल #काव्यांजलि #iitkanpur #nojotoapp #meripanktiyaan98