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नहीं चाहती महलो का सुख, नहीं चाहिए ढेरों जेवर, नही

नहीं चाहती महलो का सुख,
नहीं चाहिए ढेरों जेवर,
नहीं चाहिए दुनिया की दौलत,
बस एक साथ की दरकार है, 
जो बात मेरी समझ सके,
मेरे सम्मान के लिए बोल सके, मेरे मान के लिए लड़ सके। क्योंकि स्वाभिमान ही मेरा गहना है, जिससे समझौता नहीं कर पाउंगी। चाहे सम्मान न भी मिले, पर अपनी अस्मित का मान नहीं खो पाउंगी।
तो वादा करो जब देखूंगी तुम्हारी तरफ तो तुम थाम लोगे, आंखों ही आंखों में मुझे संभाल लोगे,

©Dr.Khushboo
  #vada