न कोई पूँछता है हाल ,न कोई खबर करता है। इसलिए दर्द भी अब कम ही असर करता है। खुद ही जीते हैं ,अपने मायनों पे हम ज़िन्दगी, वरना कौन यहाँ हमारी, कदर करता है। 18th