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तुमने ओक्टोपस तो देखा होगा उसकी भुजाएँ भी जब कुछ

तुमने ओक्टोपस तो देखा होगा
 उसकी भुजाएँ भी
 जब कुछ पाना चाहती हैं
 अपनी आठों बाहें फैला लेती है
 वैसे ही
 मैं करती हूँ तुम्हें प्रेम
और इतने प्रेम के बदले
 कुछ मांगू भी नहीं
 क्यों....
 पर ये भी तो सोच रही हूँ
 तुमको तो पा ही चुकी हूँ
 बचा क्या...
बचा है न
मेरे विद्रोह का श्रृंगार

©rashmi ranjan
  #octopus #love