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"कोई नहीं हैं, संग मेरे। बैठें हैं कमरे में हताश स

"कोई नहीं हैं, संग मेरे।
बैठें हैं कमरे में हताश से अकेले।
इस मन में उमड़ता भावनाओं का समंदर।
डूबा रही मेरी मन की कश्ती को अंदर।"

"इससे निकलने का रास्ता नज़र नहीं आ रहा।
मेरी डूबती कश्ती को साहिल नज़र नहीं आ रहा।
कैसे बचाए !!! ख़ुद को इस समंदर की गहराई से।
मन में निरंतर आते ख्यालों और सवालों से।"

©शिखा शर्मा #मेरी_सुनो_ना #शायरी #nojoto #nojotohindi #Shayari #Life  #Foggy #Quotes #Thoughts #poem
"कोई नहीं हैं, संग मेरे।
बैठें हैं कमरे में हताश से अकेले।
इस मन में उमड़ता भावनाओं का समंदर।
डूबा रही मेरी मन की कश्ती को अंदर।"

"इससे निकलने का रास्ता नज़र नहीं आ रहा।
मेरी डूबती कश्ती को साहिल नज़र नहीं आ रहा।
कैसे बचाए !!! ख़ुद को इस समंदर की गहराई से।
मन में निरंतर आते ख्यालों और सवालों से।"

©शिखा शर्मा #मेरी_सुनो_ना #शायरी #nojoto #nojotohindi #Shayari #Life  #Foggy #Quotes #Thoughts #poem