खुदसे ही हारता हु हर पल, किसी रोज़ जीत भी जाऊंगा, पत्थरो पर चलते चलते, अब रास्ता भी बनाऊंगा।। तुम साथ दो या दूर रहो, अब कोई उम्मीद न तुमसे पाऊंगा, बहुत देखे अपने मैने, कभी तुम्हारे लिए कौन? बन जाऊँगा।। तुम भी तो थे उस रात वहां, जहाँ बोला था जीत के आऊंगा, तुम अब रातो पर ध्यान रखो, मैं खुद सवेरा बन जाऊँगा।। माना संघर्ष बहुत है अब भी, उसको भी हरा कर दिखाऊंगा, चाहे अब हो जाये कुछ, जो मेरा है वो पाउँगा।। #motivationalquotes #munasif_e_mirza #munasif_life #astheticthoughts #motivation #inspirationalquotes