यूं ही तो नहीं रहा तन्हा सफर मेरा कोई न कोई तो रही बात है किसने दिया धोखा किसने दिल तोड़ा अपना समझने की भूल की ये सौगात है। ©शब्दकार निम्मी #तन्हाईकामंज़र