जब आप जान लेंगे कि दूसरों का हित अपना ही हित करने के बराबर है और दूसरों का अहित करना अपना ही अहित करने के बराबर है, तब आपको धर्म के स्वरूप का साक्षात्कार हो जायेगा। आप आत्म-प्रतिष्ठा और ईर्ष्या को सदा के लिए छोड़ दो। संसार आपके कदमों में न्योछावर होने का इंतजार कर रहा है। #Bapuji #बापुजी