इज़हार तिलिस्म - यार - ये पहलू निकाल लेता है। कि पत्थरों से भी ख़ुशबू निकाल लेता है। है बे - लिहाज़ कुछ ऐसा कि आंख लगते ही । वो सर के नीचे से बाजू निकाल लेता है। # tahzeeb hafi # ©Azeem Khan #tahzeeb hafi poetry #