नासमझ पढ़ते रहे हम, जिसे खुली किताब की तरह, बेवफ़ा वो भी श़ायर थी, लिखा था जो वो इक अधूरा ख़्याल था। - आशीष कंचन खुली किताब की तरह मुझे मिली है ज़िन्दगी... #खुलीकिताब #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #yqshayari #yqpoetry Collaborating with YourQuote Didi