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#मेरा शहर#जबलपुर#तेरा क्या कहना# मेरे शहर का का क्

#मेरा शहर#जबलपुर#तेरा क्या कहना#
मेरे शहर का का क्या कहना?
अब मैं इसका क्या बखान  करूँ? 
अब कैसे इसकी महानता का मैं, शब्दो में गुणगान करूँ,
जहाँ माँ नर्मदा की सदा ही ,बहती अमृतजलधारा हैं,
वो जबलपुर शहर मेरा ,मुझे दिल से बहुत प्यारा हैं।
जहाँ की गलियों गलियों मे ,आपस में होता भाईचारा हैं।
जहाँ ग्वारीघाट के पावन घाट पर रोज होता भंडारा हैं,
वो पावन ,निर्मल ,सुंदर जबलपुर शहर हमारा हैं।
जहाँ संगमरमरी वादियों से ,बहती नर्मदा की दूधधारा हैं,
ऐसा पवित्र मनमोहक शहर जबलपुर हमारा हैं।
जहाँ लोगों के दिलों में बसता आपस मे सम्मान हैं,
ऐसा मेरा शहर जबलपुर,हम सबकी नजरों में महान हैं।
जहाँ बोली सबकी अलग सही, पर दिलों से सबका नाता हैं,
ऐसा संस्कारों की नगरी, संस्कारधानी शहर जबलपुर हमारा हैं।
                                                                         ~रवि #MeraShehar #मेरा शहर#जबलपुर#तेरा क्या कहना#
मेरे शहर का का क्या कहना?
अब मैं इसका क्या बखान  करूँ? 
अब कैसे इसकी महानता का मैं, शब्दो में गुणगान करूँ,
जहाँ माँ नर्मदा की सदा ही ,बहती अमृत जलधारा हैं,
वो जबलपुर शहर मेरा ,मुझे दिल से बहुत प्यारा हैं।
जहाँ की गलियों गलियों मे ,आपस में होता भाईचारा हैं।
जहाँ ग्वारीघाट के पावन घाट पर रोज होता भंडारा हैं,
#मेरा शहर#जबलपुर#तेरा क्या कहना#
मेरे शहर का का क्या कहना?
अब मैं इसका क्या बखान  करूँ? 
अब कैसे इसकी महानता का मैं, शब्दो में गुणगान करूँ,
जहाँ माँ नर्मदा की सदा ही ,बहती अमृतजलधारा हैं,
वो जबलपुर शहर मेरा ,मुझे दिल से बहुत प्यारा हैं।
जहाँ की गलियों गलियों मे ,आपस में होता भाईचारा हैं।
जहाँ ग्वारीघाट के पावन घाट पर रोज होता भंडारा हैं,
वो पावन ,निर्मल ,सुंदर जबलपुर शहर हमारा हैं।
जहाँ संगमरमरी वादियों से ,बहती नर्मदा की दूधधारा हैं,
ऐसा पवित्र मनमोहक शहर जबलपुर हमारा हैं।
जहाँ लोगों के दिलों में बसता आपस मे सम्मान हैं,
ऐसा मेरा शहर जबलपुर,हम सबकी नजरों में महान हैं।
जहाँ बोली सबकी अलग सही, पर दिलों से सबका नाता हैं,
ऐसा संस्कारों की नगरी, संस्कारधानी शहर जबलपुर हमारा हैं।
                                                                         ~रवि #MeraShehar #मेरा शहर#जबलपुर#तेरा क्या कहना#
मेरे शहर का का क्या कहना?
अब मैं इसका क्या बखान  करूँ? 
अब कैसे इसकी महानता का मैं, शब्दो में गुणगान करूँ,
जहाँ माँ नर्मदा की सदा ही ,बहती अमृत जलधारा हैं,
वो जबलपुर शहर मेरा ,मुझे दिल से बहुत प्यारा हैं।
जहाँ की गलियों गलियों मे ,आपस में होता भाईचारा हैं।
जहाँ ग्वारीघाट के पावन घाट पर रोज होता भंडारा हैं,
bebaak1062314093323

~Ravi

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