उठी नज़रें जब वैदेही पर, सर्वनाश हुआ उस अहंकारी का, अब कौन राम शस्त्र उठाएंगे देख हाल कलियुग की नारी का। चीर बढ़ा कर द्रौपदी का बचाई थी उसने लाज़, कहाँ है कान्हा सुनकर बच्चियों की चीखती आवाज़!! हम चुप नहीं हैं✍️ उठी नज़रें जब वैदेही पर, सर्वनाश हुआ उस अहंकारी का, अब कौन राम शस्त्र उठाएंगे देख हाल कलियुग की नारी का।