फक्र नहीं पड़ता अगर, तो आँखें नम नहीं होती, दुनिया संग भागते, ख्वाहिशे दम नहीं तोड़ती, सबको समझते-समझते, खुद से ही अंजान नहीं बनती, सबको खुश रखते-रखते, झूठा मुस्कराने का हुनर नहीं सिखती, काँच सा दिल सब तोड़ते, मैं किसी को अपना बना दूर कर नहीं पाती, दिखावे और फरेब पर फिदा सभी, हम क्यों सादगी और सीरत से ज्यादा सोच पाये नहीं। ©Priya Gour 💫💫💫 #doesnotmatter #11june 8:42