दर्द इतना है ना किसी को बता सकता ना छुपा सकता और जख्म भी ऐसे दिए कि ना दिखा सकता । और अब तो प्यार से भी डर लगता है बार बार ये आंखों के अश्क़ छिपा नही सकता । कितनी रो रो के राते गुजरी थी तेरी याद में ये बाते में तुम्हें अब बता नही सकता । दिल वापिस प्यार करने को कहता है कई बार रोक लेती हैं पुरानी यादें में बता नही सकता । उसे वापिस आने को कहने से डर से लगा रहता है वो रूह में बस गया इस कदर में बता नही सकता । ये दिल तो हमेशा उसी का रहना चाहता हैं बस धोखा नही मिल जाये जाकिर ये दिल को बता नही सकता । और जीने लगा था उसे भुलाकर वापिस अपनी जिंदगी में पुराने प्यार के लिए इसे भूल नही सकता । वो पास आकर भी मेरे से दूर रहना चाहती है में ये सोच सोच के कितना दुखी था लफ़्ज़ों में बता नही सकता । #jakir ©JAKIR HUSAIN #HappyNewYear