न तुम मेरे हो,ना जहां अपना मुझ बिन यहाँ मेरा कौन अपनी राह अकेली या अकेला हूं मैं तुमको मुझ तक लाएगा कौन एक नदी है और एक समंदर मेरी प्यास बुझाएगा कौन इक ख़ुदा और इक इल्म है दुआ के वास्ते अब हाथ उठाएगा कौन ना है दोस्त ना रकीब है कोई ये जनाजा मेरा उठाएगा कौन #aapkikalam #ishq#pyar Pratibha Tiwari(smile)🙂 Naive Hasnat(•ิ‿•ิ) रोहित तिवारी