दोस्तो के साथ चाय क्यों? चाय तो एक बहाना था, वो दोस्तो से मिलने का ठिकाना था. चाय तो हम यु ही पीते थे, मकसद जिन्दगी के पल बांटना था. कमी असाइनमेंट की तैयारी थी, कभी एक्जाम से डरना था. कभी रिजल्टस की चिंता थी, कभी किसी से जलना था. वो चाय का मतलब नापसंद वक्त का कटना था. कभी दोस्तों की टांग खींचना, कभी लडना झगड़ना था. कभी दोस्त का रोना, कभी दोस्त का मनाना था. वो चाय का मतलब हर उलझन का सुलझाना था. कभी दोस्तों को सपने बताना, कभी मंजिल का पाना था. कभी किसी राह पे अटकना, कभी काबिलियत समझा ना था. वो चाय का मतलब दोस्तों का हौसला बढ़ाना था. कभी ओफीस की चिंता थी, कभी काम देर तक करना था. कभी बोस का गुस्सा, कभी धर से ताना मारना था. वो चाय का मतलब फ्रस्ट्रेशन निकाल ना था. कभी किसी का दिल टूटना, कभी दिल का जुडना था. कभी खुशी की लहर थी, कभी दर्द का सहना था. वो चाय का मतलब एक दूसरे का एहसास बांटना था. आज भी चाय पीने जाना था, मानो वहीं वक्त को जीना था. किसी ने पूछा, रोज दोस्तों के साथ चाय क्यों? ये लिखावट उस सवाल का जवाब बताना था. #dosto #ke #sath #chaie #kyu #samar