निंदा क्या है..? #निंदा #condemnation कविता -निंदा ******************* तू निदा रस में क्यो डूबा है मैं इस निंदा पर शर्मिंदा हूँ ... नीति दया धर्म का उसूल छोड़ क्यो फिजूल की बाते करते हो अज्ञ अधर्म संग अपकार लिए