शाम थी बेगानी सी मौसम इश्क़ ए वफा था थोड़ी रूठी थी वो तो मैं भी थोड़ा खफा था सोचा था मनाऊ उसे समेट कर अपनी बाहों में मगर पता नही था कि मेरा महबूब दिलदार नही बेवफ़ा था #स्मार्टी_खान #शायरी by #Smarty_khan #bewafa