हे श्याम सुन्दर तुम पर मैं बलिहारी.. तुम ही तो हो मेरे कृष्ण मुरारी तुम पर ही मैने अपनी जिम्मेदारी डाली.. मेरे सब कष्ट हरो मेरे बाँके बिहारी गोवर्धन उठा कर जैसे सबकी विपदा हरी सारी.. मेरे अंग संग रहो मेरे कन्हैया मेरे बंसीधारी पर्वत-पहाड़ प्रकृतिप्रदत्त शोभा हैं नष्ट न करो इन्हें यह भूमि आभा है जैसे जैसे पर्वतों को छांटते जाओगे पाताल के गर्त में समाते चले जाओगे #गोवर्धनपूजा #पर्वत