बचपन में हमारे खिलौंने छिनता हैं.. घर वालों से हमें ड़ाट भी पड़ाता हैं.. पर आज उसी के नए कपड़े हमारे हाथों मे थाम देता है.. हमारी वजह से घर वालों की ड़ाट भी खा लेता है.. जब नासमझ थे तो दुश्मन सा.. और समझदार बने तो दोस्त सा लगता है ... ..वो भाई होता है। खिलौने, खाने की चिजे या घर का काम.. बचपन में हर चिज को बराबर हिस्सों में बाँटने वाला.. आज उसके हिस्से की खुशीयाँ भी हमारे लिए छोड़ देता है.. ..वो भाई होता है। घर का सारा काम कर..वो रात को पढ़ते पढ़ते सो जाता है जिम्मेदारीया और सपने उसने दोनों को पाला होता है.. पर हाँ.. सपनो से पहले जिम्मेदारीया बडी हो जाती है.. फिर अपनी किताबो को हमारे हाथों में थाम जो जिम्मेदारीयो को उठा लेता है.. .. हाँ वो भाई होता है । साथ है तब तक लढता झगड़ता है.. दुर हुए पढ़ने तो शहर तक छोड़ता है.. लडखडाते लब्जो में वो हमे संभलकर रहने की बात करता है.. छुपे आँसु लेकर फिर जो घर जाते जाते बहा देता है.. ..वो भाई होता है। अनजान शहर में जब बेजान से होते हैं.. याद घर को कर जब परेशान से होते हैं.. फिर बिन मतलब और बेवजह कोई जान तक देने वाला दोस्त बन जाता है.. जो दोस्तों के चेहरे में छिपा हमेशा हमारे साथ होता है. ..वों भाई होता है। पढाई के बारे में पुछे ना पुछे..हमारा हाल हमारे दोस्तों से वो चुपके से पुछ लेता है.. बात जब किसी से पंगा लेने की हो.. या किसी को सबक सिखाने की.. हर सर्कीट की जुबान पर सबसे पहले आने वाला लब्ज जो होता है.. ..वों भाई होता है। #wo_bhai_hota_hein