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जो उछल -कूद करती थी आज वो इतनी सहमी क्यों हैं जि

जो उछल -कूद करती थी 
आज वो इतनी सहमी क्यों हैं 
जिन आँखों में ख़ुशी छलकती थी 
आज उनमें नमी क्यों हैं 
जिन होठों पर मुस्कुराहट लाली बनकर चमकती थी 
आज उन पर उदासी का वास क्यों हैं 
जो होंठ बोलते थकते न थे, 
उन पर ख़ामोशी का रास क्यों हैं 
खेले बिना जिसकी सुबह न हो 
वो बर्फ सी जमीं क्यों हैं 
सजना सवरना जिसका शौक था 
और आइना जिसका दोस्त था 
आज वो दुल्हन बने सी लेटी क्यों हैं 
न्याय के लिए बैठे हज़ारो शख्स वहां 
क्योंकि वो भारत की बेटी जो हैं........

©#sapno ki ek choti se jhalak #stop_rape 🤰

#stopcrime😡😡
#save_girl 🧚
जो उछल -कूद करती थी 
आज वो इतनी सहमी क्यों हैं 
जिन आँखों में ख़ुशी छलकती थी 
आज उनमें नमी क्यों हैं 
जिन होठों पर मुस्कुराहट लाली बनकर चमकती थी 
आज उन पर उदासी का वास क्यों हैं 
जो होंठ बोलते थकते न थे, 
उन पर ख़ामोशी का रास क्यों हैं 
खेले बिना जिसकी सुबह न हो 
वो बर्फ सी जमीं क्यों हैं 
सजना सवरना जिसका शौक था 
और आइना जिसका दोस्त था 
आज वो दुल्हन बने सी लेटी क्यों हैं 
न्याय के लिए बैठे हज़ारो शख्स वहां 
क्योंकि वो भारत की बेटी जो हैं........

©#sapno ki ek choti se jhalak #stop_rape 🤰

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