बेवजह और बेमतलब की बातों को आधा छोड़ देते हैं, वजह मिल भी जाए तो पूरा करने का इरादा छोड़ देते है। मोह माया के जाल में मुंह का निवाला भी निकाल दिया, समुद्र के भीतर भी रह कर, खुद को प्यासा छोड़ देते हैं। खुद को चाहे हर गम मिलें, मिले नहीं चाहे एक भी खुशी, औरों की खातिर हम थोड़ा हिस्सा ज़्यादा छोड़ देते हैं। ना जाने क्या क्या कर्म किए, जो भी किए सब गलत किए, कुछ भी करने से हमेशा बचने को हर वादा छोड़ देते हैं। "महिमा" तू बड़ी नादान है, इस दुनिया के फरेब से अनजान है, ये मरते इंसान की सांसे निकाल, उस को भी ज़िंदा छोड़ देते हैं।। शेर :- 5 मतला :-" बेवजह और बेमतलब _______________ छोड़ देते हैं।" मकता :- "महिमा तू बड़ी ________________ ज़िंदा छोड़ देते हैं।" काफिया :- "आधा", "इरादा", "प्यासा", "ज़्यादा", "वादा", "ज़िंदा" रदीफ़ :- "छोड़ देते हैं।" ∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆∆