बन्द किवाड़ में स्वयम्भू सत्ता स्वप्नों की, अभीप्सा, आकांक्षा की और कौतुक कैसी लुका-छुपी, सब कुछ गायब किवाड़ खुलते ही चलो तय रहा अब सारे स्वप्न देखेंगे इन सजग खुली आँखों से ही कभी सत्य बन्द आँखों में और स्वप्न खुले द्वार से मचाते धमाचौकड़ी चले आएँगे वास्तविकता में निश्चित ही #toyou#consciousofsubconscious#dreamstruth#truthis dream