Nojoto: Largest Storytelling Platform

इतवार मुबारक हो साहब आज इतवार है, वो इतवार जो 184

इतवार मुबारक हो साहब  आज इतवार है, वो इतवार जो 1843 में शुरू हुआ था. आज मेरा मन भी थोड़ा इतवारी हो रहा है. मन की भावनाएं कविता के लपटों में लिपट रही है. थोड़ा हिंदी थोड़ा उर्दू बनने का मन किया जा रहा है. महसूस ऐसा हो रहा है कि मैं उर्दू के समुंद्र में छलांग लगा लू. कुरान के हर उन पन्नो को पढ़ लू जिसमे शांति का पैगाम उकेरी गई हो. हमारे कुल के बेटे विद्यापति मिश्र ( बाबा नागार्जुन ) की तरह ब्राह्मणत्व के टैग से छुटकारा पा लू. 

अपना लू नागार्जुन की तरह बौद्ध धर्म. 

चूंकि रहनुमाओ ने काफी हुड़दंग मचा रखा है ब्राह्मण का हाथ सूखा ब्राह्मण भूखा. हमारी 5 हजार साल पुरानी सनातनी परंपरा के अनुसार ब्राह्मण भिक्षा कर के ही अपनी पेट की क्षुधा शांत करते है. और हमे गर्व है कि हम ब्राह्मण उस आध्यात्मिक परंपरा को बनाये हुए है. हम तो साक्षात ईश्वर के दूत हुए हमारे बिना तो इस संसार का शून्य मात्र भी नही. मुझे एक कृष्ण का प्रसंग याद आता है जब गोपियों ने कृष्ण से पूछा था...

हे मधुसूदन - इस संसार से ब्राह्मणों का क्या संबंध
इतवार मुबारक हो साहब  आज इतवार है, वो इतवार जो 1843 में शुरू हुआ था. आज मेरा मन भी थोड़ा इतवारी हो रहा है. मन की भावनाएं कविता के लपटों में लिपट रही है. थोड़ा हिंदी थोड़ा उर्दू बनने का मन किया जा रहा है. महसूस ऐसा हो रहा है कि मैं उर्दू के समुंद्र में छलांग लगा लू. कुरान के हर उन पन्नो को पढ़ लू जिसमे शांति का पैगाम उकेरी गई हो. हमारे कुल के बेटे विद्यापति मिश्र ( बाबा नागार्जुन ) की तरह ब्राह्मणत्व के टैग से छुटकारा पा लू. 

अपना लू नागार्जुन की तरह बौद्ध धर्म. 

चूंकि रहनुमाओ ने काफी हुड़दंग मचा रखा है ब्राह्मण का हाथ सूखा ब्राह्मण भूखा. हमारी 5 हजार साल पुरानी सनातनी परंपरा के अनुसार ब्राह्मण भिक्षा कर के ही अपनी पेट की क्षुधा शांत करते है. और हमे गर्व है कि हम ब्राह्मण उस आध्यात्मिक परंपरा को बनाये हुए है. हम तो साक्षात ईश्वर के दूत हुए हमारे बिना तो इस संसार का शून्य मात्र भी नही. मुझे एक कृष्ण का प्रसंग याद आता है जब गोपियों ने कृष्ण से पूछा था...

हे मधुसूदन - इस संसार से ब्राह्मणों का क्या संबंध
sonumishra0400

Sonu Mishra

New Creator