मेरा संगीत मां सरस्वती द्वारा दिया गया है वो राम बाण, जिससे किया है मैंने अपने अतीत के अंधकार का विनाश, जिसकी तपस्या से है मैने बनाया वो दिया, जिसमे अपने जिस्म को निचोड़, खून पसीने को तेल की भांति झोंक, अपनी मेहनत और कठोर तप की अग्नि से है जलाया, जिसके प्रकाश से मैंने अपने अहम को है हराया, अपने अंदर छिपे प्रत्येक राक्षस को चुन चुन कर है हराया, जिसकी ताक़त से अपने ऊपर हुए अत्याचारों और अपमानों से जन्मे प्रतिशोध को किया है भस्म, महादेव की सौगंध, मैंने खुद को लोहे की भांति पिघलाकर, खुद पर चोट मार मार कर एक संगीतकार और कलाकार है बनाया। ©Akhil Kael Thank you God.