दुनिया हो रही बेशक नयी रोज, पर [आवाज़ें] पीछे दब जाती हैं! धूप पर भी 'कर' लगा दे [सरकारें] यहाँ निगल सब जाती हैं! गिरती 'फ़सीलों' पर लगती तोहमत आलाकमानों तक सज़ा कब जाती है! फ़सीलों - boundaries #kumaarsthought #kumaarpoem #yapowrimo #kumaaryapowrimo #तोहमत #सरकारें सरकार से नफ़रत नहीं उनकी नीतियों से गिला है गरीब को रहता फ़कीर ही, उसे क्या मिला है!