फिर कूछ देर बाद साइकोलाजी केलेक्चर के लिए मिसेज भाटिया की इंट्री हुई वैसे तो मिसेज भाटिया बहोत ही खुसमिजाज थी मगर क्लास रूम में चाक डस्टर का स्पर्श उन्हें स्ट्रिक बना देता था और उनकी क्लास मे कोई लडका लडकी बाते तो दूर नोटबुक सेयर करने में भी भयानक पनिसमेंट मिलती थी और उनकी पनिसमेंट में स्टूडेंट के गार्जियन को बुलाया जाता था साथ में कुछ पुराने रिपोर्ट कार्ड भी गार्जियन के सामने चाय के साथ रखे जाते थे ये सभी बाते मेरी सीट में बैठा रूद्र मुझे बता रहा था और मैं यह सब ऐसे सुन रहा था जैसे युध्द पूर्व अर्जुन भगवान क्रष्ण की बाते सुन रहे थे इतने में मिसेज भाटिया ने चाईल्ड आब्सर्वेसन पढाना सुरू किया और चाईल्ड के आईक्यू के बारे में सभी पूछने लगी क्लास में सभी कुछ न कुछ बता रहे थे बट मैम अभी किसी के भी उत्तर से सेटिसफाई नहीं हुई फिर पीछे से किसी जानी पहचानी आवाज में आंसर आया और मैम उसके आंसर से काफी हद तक खुस थी मगर मेरी धडकने तेज हो गई क्यो की उसने आंसर देने के बाद इतनी सालीनता से कहा "तो फिर अब मुझे समझने में देर नहीं लगी की वह कोई और नही बल्कि निधी ही है मैंने दिल पे हाथ रख कर पीछे की तरफ देखा तो वो धीरे से मुस्कुरा रही थी मानो सायद उसको इंतजार था कि मैं पलट कर जरूर देखू गा आज वो सिविल ड्रेस में आई थी और उसकी एक झुल्फ खिडकी की हवा से झूल कर उसके चेहरे पर बिखर रही थी जिसे वो बार बार पीछे कर रही थी उसकी बडी सी आखो में भी मुझे एक ही सवाल दिखा "तो फिर मैंने नजर चुराते हुए सिर आगे की तरफ घुमा लिए मगर आज सच में मै उसका दोस्त बनना चाहता था और उससे कहना भी की वो अपनी झुल्जो को अपने चेहरे में बिखरने दे fifth part of #LOVECYCLE-5 #sayriwale #lovestory #hindiwriting