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तेरे डर से मैं अंजान नहीं हूं.. छुटने वाला सामान न

तेरे डर से मैं अंजान नहीं हूं..
छुटने वाला सामान नहीं हूँ..
बेशक बातें कम हो जाएं...
पर भूल जाऊंगा? वो सवाल नहीं हूं..
हां देखी है तुमने दुनिया..देखे होंगे आशिक हजार..
पर सच बता.. क्या मैं थोड़ा भी अलग नहीं मेरे यार ॽॽ..

लगता है बड़ा संभल कर बातें करने लगी हो..
लत नहीं हूं जी..फिर क्यों छुटाने पर तुली हो..
पास बैठो.. बातें करो.. मैं ना पूछूं फिर भी सब बताया करो.. 
हाय ये मेरे रंगीन ख्वाब...
इनको तिल्ली ना लगाया करो..




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©Raadhe radhe(sk) 
  heartfelt

heartfelt #Shayari

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