है ये वार भगवे पे हाहाकार भगवे पर साधु संत पर नहीं है यह प्रहार भगवे पर। है कैसी यह व्यवस्था कैसा है यह आचरण युद्ध तुमने शुरू किया है हम लड़ेंगे आमरण। राम कृष्ण शिव की धरती जितनी संभालो उतनी बिखरती अब क्रोध है जहन में मेरे दुष्ट पल रहे हैं वतन में। है कैसी घड़ी है आ गई अब काल सब पर छा गई टांडव करने को तैयार जो दिखे उसे ही मार। करो कुच मिलकर सब निर्णय की घड़ी है ये अब संत है महात्मा धरती के हैं यह आत्मा। त्याग हैं उन्हीं में अब भावना उन्हीं में सब। प्राण है वह वान है वह मान है वह हिंद के शेर हैं वह सिंह हैं जान है वह हिंद के। #hindusadhus #hindutva #justice